रविवार, 29 मार्च 2015

लाइक-कमेण्ट

वय का प्रभाव जैसे जैसे मनुष्य पर होता है उसके प्रति मोह भी घटता जाता है..
जैसी पीड़ा और दुख: छोटे बच्चे की निधन पर होती है वैसी ही पीड़ा और दुख: अस्सी या नब्बे वर्ष के मनुष्य के निधन पर नहीं होती. बल्कि मैने तो कई बार लोगो को आपस में ये भी कहते सुना है कि अच्छा हुआ ज्यादा किसी से सेवा नहीं करवाई.. हँसते खेलते चली गईं..
आभास करें तो सच में अस्सी वर्ष के वृद्ध के निधन पर बहुत कम ही लोग मिलेंगे जो शोक व्यक्त करेंगे... कई लोग तो शोक व्यक्त करने से पहले पता लगा लेते हैं कि मरने वाले की उम्र क्या थी.... मालूम होने पर कि 80 साल की थीं तो कहते हैं चलो अच्छा हुआ घिसटना नहीं पड़ा..
और यहाँ फेसबुक पर ठीक उल्टा देखा मैंने.... लोगों को मालूम रहता है कि बहुत बूढ़ी थीं . आज कल आज कल लगा हुआ था, जमीन पर लिटा दी गई थीं....
बंदा खुश हो रहा है चलो एक और पोस्ट मिली. जल्दी से दादी के साथ सेल्फी ले कर पोस्ट कर दिया कि हमारी दादी की तबियत बहुत खराब है.. बस फिर क्या श्रद्धालुओं के लाइक और कमेन्ट धड़ाधड़ चिपकने लगे.. भगवान दादी को जल्दी स्वस्थ करें, ईश्वर सब अच्छा करेगे,धैर्य धारण कीजिये..
अब कोई पूछे कि धैर्य होता तो दादी के स्वास्थ की फिक्र करते ,टेंशन तो लाइक और कमेन्ट की हो रही है..जहाँ पोस्ट पुरानी होने लगी फौरन खुद एक कमेन्ट मार दिया..आज दादी ने आँखे खोली.. पोस्ट फिर से नया हो गया.. फिर लाइक कमेन्ट की रेलमपेल शुरू.. पोस्ट देखते देखते देखा कि दादी तो सच में आँखे खोले हुए हैं.. खुशी से चहकते हुए फौरन दादी को बता दिया....दादी आपकी  तबियत खराब सुन के डेढ़सौ लोगों ने कमेन्ट किया और तीन सौ लोगों ने लाइक मारा.. दादी ने आँखे बंद कर ली हमेशा के लिये....ये देखते ही बंदा उछल पड़ा आधी खुशी आधे गम का एपीसोड प्रत्यक्ष हो गया...जल्दी से पोस्ट बनाई.. मित्रों अभी अभी 9.55 पर मेरी दादी माँ का स्वर्गवास हो गया..
फिर से लोगों के लाइक और कमेन्ट आने लगे.....भगवान इस दुख: की घड़ी में आपको साहस दे और दादी की आत्मा को शांति दे, ईश्वर इस कठिन दुख: की घड़ी में आपको शक्ति दे(दादी से सम्बंधित अपडेट करने की) एक कमेन्ट में पढ़ा बंदे ने लिखा था, ईश्वर पर भरोसा रखें  (किस बात का ये नही लिखा) लोग भी जल्दी में होते हैं ,कभी कभी अधूरा ही कमेन्ट टीप देते हैं.... घर में माहौल शोकपूर्ण है और ये अपनी पोस्ट देख कर खुश होते रहते हैं....

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