शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

हँसी

मेरे बच्चे हर बात में हँसी खोज लेते हैं,
जैसे फूल काँटों में भी खुशी खोज लेते हैं,

भूल जाते हैं हर बात जो चुभती हो कहीं,
ऐसी हर बात में नाखुशी खोज लेते हैं,
मेरे बच्चे हर बात में हँसी.................

सितम भी सह ले जो हँस कर जमाने के,
ऐसी कोई मासूम दिलकशी खोज लेते हैं,
मेरे बच्चे हर बात में हँसी...................

मेरे घर में सहमे नही रहते बच्चे हमसे,
वो मुझमें ही कोई हमनशीं खोज लेते हैं,
मेरे बच्चे हर बात में हँसी....................

बड़े प्यारे हैं बच्चे मेरे जरा सादा से हैं,
हर रंग में खुशबू - ए-गुलाब सी खोज लेते है,
मेरे बच्चे हर बात में हँसी.....................