रविवार, 21 जून 2015

21 जून प्रथम विश्व योग दिवस

रेंगते हुए लोग,
ऊँची ऊँची फैकते लोग,
घिसटते हुए लोग,
चपटते हुए लोग,
इधर उधर भागते लोग,
फुटपाथ पर जागते लोग,
थमते हुए लोग,
जमते हुए लोग,
सड़कों पर चलते लोग,
लोगों को खलते लोग,
ये भी है एक प्रकार का योग,

नियत मुद्रा में हो स्थित,
ध्यानावस्था में अवस्थित

पीठ सीधी दृष्टि सामने,

संतुलित गति दूरी मापने,

मद्धिम श्वांस तीखी नज़र,

योग व्यस्त सारा शहर,

एकाग्रता यदि भंग होती,

चेतना फिर व्यग्र होती,

इंद्रियों पर कर नियंत्रण,

साधना का ले निमन्त्रण,

यात्रा रहती है जारी,

राह थकती है ना हारी,

आज वो है कल ये होगा,

राह मे होता है योगा,

बोलते चलते सभी,

पर मानते ना हैं कभी,

के तप सभी मिल कर हैं करते,

पर सभी मिलने से डरते,

राह से नव राह मिलती,

राह चढ़ती औ उतरती,

राह है पल पल बदलती,

मंज़िले ना रोज़ मिलतीं,

योग से जब योग जोड़ा,

कर लो सब मिल योग थोड़ा