रविवार, 5 जुलाई 2015

नेता

नेता जी मुस्कराये,
सबने देखा,
होंठो में खिची महीन रेखा,
चेहरा अजीब दिख रहा था,
उनका पुत्र ये सब सिख रहा था,
आखिर आने वाले कल का नेता है,
पिता पुत्र को विरासत देता है,
कुटिल मुस्कान,
छीना हुआ सम्मान,
साजिशों का बस्ता,
संस्कार सस्ता,
पुत्र भी मुस्करायेगा,
जब नेता बन जायेगा,