सोमवार, 2 मई 2011

कल्पना.....


कविता भगवान की आरती है,कविता माँ भारती है,                        

कविता यानि "रसात्मक काव्य" हम सबके जीवन में विभिन्न शैलियों में मौजूद है.
अलग अलग रस युक्त काव्य लेखन भारतवर्ष में पुरातन काल से हो रहा है.. कविता कि महिमा को शब्दों में व्यक्त कर पाना बहुत मुश्किल है
namu rangolee by papssapa

कविता कवी की कल्पना है,
कविता रंगोली की अल्पना है,
कविता उगते सूर्य की चमक है, पायल की छमक है,
कविता हिमालय की ऊंचाई है सागर की गहराई है,
कविता शहनाई है तपती दोपहर में अमराई है,
कविता बचपन है आँखों का गीलापन है,
कविता अमीर है कविता ज़मीर है,
कविता राम है रहीम है,कविता महा है महिम है,
कविता अविरल धार है,कविता सच्चा प्यार है,
Payal by Neha Thakurकविता भाषा है उम्मीद की किरण है आशा है,...
जीवन की परिभाषा है,...
कविता हमारा राष्ट्र है देश है,ग्रामीण परिवेश है,
कविता गौरव है शान है,हमारा अभिमान है,
कविता रसात्मक काव्य है,अज्ञानी का दुर्भाग्य है,
कविता चंचल है चपलता है,कविता शब्दों की प्रबलता है,
कविता रस है रसना है,रोना है हंसना है,
कविता अमृत है विष है वेलेंटाइन का किस है,
कविता की महिमा अपार है,
कवितामय सारा संसार है....

2 टिप्‍पणियां:

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