मंगलवार, 11 जनवरी 2011

नेता......

हमारे देश में नेताओं का बड़ा महत्व है, वास्तव में इंसानों की यही सबसे ज्यादा उन्नत प्रजाति है!
और सारे संसार में ये प्रचंड प्रतिभा के साथ अपनी विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया करते है,
ये हिंसक नहीं होते,और लज्जा शब्द से ये अंजान बने रहते है,अपने झूठ बोलने की विशिष्ट कला का प्रदर्शन अनावश्यक रूप से हर वक्त किया करते है,नित नए मुद्दों के माध्यम से अपने अस्तित्व का आभास पूरी दुनियां को कराते रहते है,          
इनके मुद्दों से प्रभावित हो कर कुछ पंक्तियाँ मैंने भी लिखने का प्रयास किया है जो आपके सामने प्रस्तुत है....

आज का जमाना मुद्दों का जमाना है,
सभी नेताओं के पास मुद्दों का खजाना है,
ना जाने कहाँ से ढूंढ़ कर लाते है,
मतदाताओं के मुह में दूध की बोतल के सामान लगाते है,
मुद्दों का दूध पिला कर मतदाता को जब बना देते है पहलवान,
तब सम्प्रदायकता फैला कर आपस में कुश्ती लड़वाते है,
देश की ऐसी हालत देख कर बेरोजगारों को चाहिए वो आगे आएं,
मुद्दों की दुकान खोल कर ए.राजा, आडवानी से उद्घाटन कराएँ,
देश के सबसे बड़े मुद्दा निर्माता तो यही है,
इनके मुद्दों की शान विदेशों में भी रही है,
ए.राजा ने टू जी स्पेक्ट्रम का बम फोड़ा,
आडवानी ने राम जन्म भूमि का गोला छोड़ा,
जिससे जलने लगा सारा देश,
झुलसाने लगे भारत माता के केश,
सिंकने लगी सियासी रोटियां,
विधवां हो गई न जाने कितनी बेटियां,
रोने लगी इंसानियत,
प्रतिष्ठित हो गई शैतानियत,
बेटों का फूटा सर,
मां जीते जी गई मर,
ज्यादा क्या कहूँ खूब हुआ खुनी खेल,
बंद बाजारों में डिस्काउंट पर हुई मौत की सेल,  फिर भी मुद्दों का उत्पादन जारी है,
पता नहीं भविष्य में फिर किस मुद्दे की बारी है....फिर किस मुद्दे की....फिर किस मुद्दे की......

                                                                              आपका बुलबुल...
                                                                              राजेंद्र अवस्थी ( कांड )