रविवार, 8 मई 2011

माँ तेरे बिन..

Mother & Child by Stella Bluआज "मदर्स डे" है किन्तु मेरी ये समझ में नही आता, कि माँ का कोई एक दिन कैसे हो सकता है? माँ तो हमारे जीवन में हर पल हर क्षण होते हुए भी और ना होते हुए भी अपने ममत्व का सुखद अनुभव कराती रहती है, माँ के अस्तित्व को किसी दिन विशेष में नही बांधा जा सकता...



cpr mother & child by zenमाँ तुम कहाँ हो मैंने तुम्हे कभी नही देखा,

लोग बताते है तुमसे ही पैरों पर चलना सीखा,

मुझे भरोसा है लोगों की बातों पर,

कुछ गुस्सा भी आता है उन सूनी रातों पर,

जब ह्रदय में होती थी छटपटाहट,

रात्रि की नीरवता में छोटी सी आहट,

मौन करता करुण क्रंदन,

अवरुद्ध होता ह्रदय स्पंदन,

माँ तुम ही बताओ तुम्हारे बिन हम कैसे सोएं,

जी करता चीख चीख कर रोएँ,

पर अब तो मै बड़ा हो गया हूँ,

अपने पैरों पर खड़ा हो गया हूँ,

काश तुम होतीं तो कितना अच्छा होता,

तुम होती और मै छोटा बच्चा होता,

तुम्हारी गोद में सर रख कर सोता,

तुम्हारे आंचल में मुंह छुपा कर रोता,

तुम ढूंढती मै छुप जाता,

तुम बुलाती मै रुक जाता,

तुम हँसती तो मै भी हंसता,

तुम रोती तो मै भी रोता,

तुम्हारी डाट फटकार भी लगती अच्छी,

तुम्हारी चितवन सीधी सच्ची,

तुम्हारी याद नही आती,तुम सदा ह्रदय में रहती हो,

निर्मल विचार बन कर मष्तिष्क में बहती हो,

तुम्हारा स्वर गूंजता है कानो में,

डर नही लगता अब वीरानो में,

क्यों की तुम साथ हो मेरे हर पल,


हाँ तुम साथ हो मेरे हो हर पल.... हाँ तुम साथ हो मेरे हर पल....

2 टिप्‍पणियां:

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