होरी है सिर पर ठाढ़ी,
मैं का करौं गुइयाँ,
पेड़न से जबसे महुआ चुवत है,
पुरवा हवा मोरी देही छुवत है,
जियरा मा धुक धुकी बाढ़ी,
मैं का करौं गुइयाँ,
होरी है सिर पर ठाढ़ी, मैं का करौं गुइयाँ,
सपनेहु साजन लोरी सुनावैं,
बातन हमका दुनिया देखावैं,
गाले मा जब चुभी दाढ़ी,
मै का करौं गुइयाँ,
होरी है सिर पर ठाढ़ी, मैं का करौं गुइयाँ,
पाँव धरनि पर ना धरै देवैं,
पल पल हमका गोदी लेवैं,
लाज बहुत है गाढ़ी,
मै का करौं गुइयाँ,
होरी है सिर पर ठाढ़ी,मैं का करौं गुइयाँ।
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