अब शुरू हुई पकड़म पकड़ाई..इस पकड़म पकड़ाई को देख मीडिया भी चकराई...
वो कहावत तो सबने सुनी ही होगी. उँगली पकड़ के पहुँचा पकड़ना..बस अब यही पहुँचा पकड़ाई हो रही है सत्ता से बाहर हुए लोगों में. और जितना बचा खुचा सीना है उसी को तान के हो रही है..बुझाया कि नाहीं ई लाल बुझक्कड़ी में मित्र लोग खूब उलझे हुए हैं..और इसी उलझन में हम सब आलू की बेतहाशा बढ़ती कीमत भी भूल जाते हैं..लेकिन हाय रे बिहार. यहाँ के लोग लालू को ना भूल पायेंगे.
चाहे कितनहो चारा कोई चर जाये. गिन्नीज़ बुक वाले लगता है आराम फरमाने लगे हैं नहीं तो आज चारा के मामले में बिहार का नाम ई विश्व रिकार्ड बुकवा में जरूर होता. खैर कोई बात नहीं भइया गिन्नीज वालों अब तो चेतो.
चारा ना सही पहुँचा पकड़ाई में ही नाम डाल दो. भारतीय राजनीति के नाम भी रिकार्ड लिख दो. वइसे यहाँ सब एक से एक लिखने वाले हाजिर हैं लेकिन मजाल है जो कोई राजनीति के रिकार्ड पर बात करे या पकड़म पकड़ाई की चर्चा करे.....हे प्रभु देवा, खूब बाँट रहे हो मेवा..
भले ना हो पास मेरे शब्दों का खजाना, ना ही गा सकूँ मै प्रसंशा के गीत, सरलता मेरे साथ, स्मृति मेरी अकेली है, मेरी कलम मेरी सच्चाई बस यही मेरी सहेली है..
बुधवार, 20 अगस्त 2014
हे प्रभु देवा.
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