सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

मौन

जब आँखें बाते करती हैं तब मौन भी बोला करता है,
शोर शराबे में भी वो सन्नाटा तोला करता है,
ध्वनि की धीमी धुन को भी है चाह मौन की बहुत मगर,
निर्जन भी गूँजा करता है हो चाहे कितना मौन प्रखर,
मौन मौन रह कर के भी मिस्री सी घोला करता है,
जब आँखे बातें करती है तब मौन भी बोला करता है,
स्वर सगंम समवेत यहाँ मन्दिर में गूँजा करता है,
ओम शब्द के नाद की तो ईश्वर भी पूजा करता है,
जब आँखे बातें करती हैं तब मौन भी बोला करता है।
सत्य है केवल मौन यहाँ शब्द झूंठ की है मिसाल,
ध्वनि की ठुमरी मौन है शोर तो खाली है खयाल,
वाणी में शक्ति तो होती है पर मौन तो शोला भरता है,
जब आँखे बातें करती है तब मौन भी बोला करता है।

12 टिप्‍पणियां:

  1. your all poetry is great...but these lines i like most...
    सत्य है केवल मौन यहाँ शब्द झूंठ की है मिसाल,
    ध्वनि की ठुमरी मौन है शोर तो खाली है खयाल,
    Gaurav bhardwaj

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    1. गौरव जी ..खुशी हुई कि आपने ध्यान से पढ़ा और पसंद किया .....

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  2. जब आँखे बातें करती है तब मौन भी बोला करता है,

    bahot badiyan sabdon ka mel

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  3. बहुत अच्छी रचना है राजेन्द्र जी ....

    बधाई स्वीकारें ....

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    उत्तर
    1. हरकीरत जी ..आपकी बधाई हमें बहुत प्रेरणा देती है ,,आभार आपका ..

      हटाएं

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