शब्द नही है प्यार है मेरा,शब्दों का संसार है मेरा, अगणित बातें कहने को(कलम)ब्लॉग ही अब आधार है मेरा.
माँ तुम कहाँ हो..
इस गीत की पंक्तियाँ यहाँ लिखना आवश्यक लग रहा है, "वो होते है किस्मत वाले जिनके माँ होती है"
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माँ तुम कहाँ हो मैंने तुम्हे कभी नही देखा,लोग बताते है तुमसे ही पैरों पर चलना सीखा,
मुझे भरोसा है लोगों की बातों पर,
कुछ गुस्सा भी आता है उन सूनी रातों पर,
जब ह्रदय में होती थी छटपटाहट,
रात्रि की नीरवता में छोटी सी आहट,
अवरुद्ध होता ह्रदय स्पंदन,
मौन करता करुण क्रंदन,
जी करता चीख चीख कर रोएँ,
माँ तुम ही बताओ तुम्हारे बिना हम कैसे सोएं,
पर अब तो मै बड़ा हो गया हूँ
अपने पैरों पर खड़ा हो गया हूँ,
काश तुम होतीं तो कितना अच्छा होता,
तुम होती और मै छोटा बच्चा होता,
तुम्हारी गोद में सर रख कर सोता,
तुम्हारे आंचल में मुंह छुपा कर रोता,
तुम ढूंढती मै छुप जाता,
तुम बुलाती मै रुक जाता,
तुम हँसती तो मै भी हंसता,
तुम रोटी तो मै भी रोता,
तुम्हारी डाट फटकार भी लगती अच्छी,
तुम्हारी चितवन सीधी सच्ची,
तुम्हारी याद नही आती,तुम सदा ह्रदय में रहती हो,
निर्मल विचार बन कर मष्तिष्क में बहती हो,
तुम्हारा स्वर गूंजता है कानो में,
डर नही लगता अब वीरानो में,
क्यों की तुम साथ हो मेरे हर पल,
हाँ तुम साथ हो मेरे हर पल...हाँ तुम साथ हो मेरे हर पल...
माँ...एक शब्द ही महाकाव्य है!!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर जी, आपने बिलकुल सत्य कहा..
जवाब देंहटाएंबहुत भावुक कर देने वाली कविता है.
जवाब देंहटाएंअसीम और निश्छल प्यार वाली कविता.
आदरणीय शिव जी,धन्यवाद ..भावुकता ही आजके दौर में मिलावटी नहीं है...
जवाब देंहटाएंbahut hi khoobsurat kavita hai...
जवाब देंहटाएंi am speechless...
oh.....meri maa i love this poem tnx sir
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